ध्यान करना आज-कल के भागदौड़ भरे जीवन में सुकुन के पल जीने का सबसे अच्छा तरीका है। शोध से पता चला है कि जो व्यक्ति ध्यान करते है वे दूसरों के मुकाबले अधिक फुर्तीले एवं तेज दिमाग वाले होते है ध्यान करना एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे आप शरीर एवं मष्तिक दोनों की थकान कम कर अपने शरीर को आराम और मन को शांति दे सकते हो।
ध्यान, आपके दिमाग को अपने विचारों पर ध्यान केद्रित करने और पुननिर्देशित करने के लिए प्रशिक्षित करने की अभ्यस्त प्रक्रिया है। आजकल ध्यान की लोकप्रियता बढ़ रही है क्योंकि इसके उपर बहुत सारे शोध किये जा चुके हैं जिनसे पता चला है कि जो लोग मेडिटेशन करते हैं उन्हें ध्यान, शरीर और विचारों व मन की शक्ति बढाने के लिए के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ध्यान क्या है?
ध्यान एक क्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयत्न करता है। ध्यान का उद्देश्य कोई लाभ प्राप्त करना हो सकता है, पर ध्यान करना अपने आप में एक लक्ष्य हो सकता है। ध्यान करने से अनेक प्रकार की क्रियाओं का बोध होता है।
ध्यान ऐक ऐसी स्थिति है जिसके माध्यम से आप अपने आप को पूरी तरह से जान सकते हो और अपने अंदर छुपी सारे चेतनाओं को जाग्रत कर सकते हो। ध्यान की प्रक्रिया हमारे अवचेतन दिमाग की ताकत को बढ़ाती है ओैर ध्यान करने से तनाव का स्तर कम हो जाता है। ध्यान कोई कठिन कार्य नहीं है बस अपने मन को शांत करके बैठै और चिंतन करें।
मेडिटेशन से होने वाले फायदे
कैसे ध्यान करने से हम अपने रोजमर्रा में आने वाली चुनौतियों का समाना कर सकते है चाहे वे चुनौतिया मानसिक हो या शारीरिक। ध्यान के माध्यम से सब चीजे आसान लगने लगती है। इससे निम्न प्रकार के लाभ होते है।
- चिंता को नियंत्रित करता है-: ध्यान करने से तनाव का स्तर कम होता है जिससे चिंता कम होती है और मन में शांति का अनुभव होता है। लगभग 1300 वयस्कों पर किये गये एक विश्लेषण से पता चला कि ध्यान करने से चिंता कम होती है और जो उच्चतम स्तर की चिंता करने वाले लोगों में इसका प्रभाव विशेष रूप से देखा गया है । ऐसा देखा गया है कि केवल 8 सप्ताह लगातर ध्यान की क्रिया की जाए तो मन से चिंता का स्तर बहुत कम हो जाता है। इसके साथ ही सकारत्मक सोच का संचार हमारे शरीर के अदंर आने लगता है ।
- तनाव को नियंत्रित करता है-: आज कल के समय में तनाव कम करना उन सब आम कारणों में से एक है जिसके लिए लोग ध्यान लगाते हैं। जब एक व्यक्ति ज्यादा तनाव लेता है तो उसके शरीर में तनाव हार्मोन, कोलिस्ट्राल का स्तर बढ जाता है जिसके कई हानिकारक दुष्प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ते हैं। ध्यान करने से हमारे हर तरह की चिंता से राहत मिलती है निंरतर ध्यान करने से चिंता का स्तर कम हो जाता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि होती है-: ध्यान एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से आप अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं। इससे हमारे जीवन में सकारात्मकता का विकास होता है जिससे हम किसी भी काम को करने में अपना सो प्रतिशत देने में सक्षम होते हैं और हमारा आत्मविश्वास बहुत बड़ जाता है। और काम करने की क्षमता भी बड़ जाती है।
- आत्मजागरूकता भी बढ़ती है-: शोध से पता चला है जो व्यक्ति नियमित रूप से ध्यान करते हैं उनकी डिसीजन शक्ति बहुत विकसित होती है। ध्यान करने से हम अपने मन की स्थिति को भली-भाँति जान पाते है ओर हमारे मन में जो असमन्जस्य होता है वह भी कम जाता है। आत्मचेतना और आत्मजागरूकता की स्थिति तक पहुंचने में ध्यान बहुत बडी भूमिका निभाता है।
- उम्र से संबंधित स्मृतिहानी को कम कर सकता है-: ध्यान और सोच की स्पष्टता में सुधार आपके दिमाग को युवा बनाए रखने में बहुत मदद करता है। ध्यान, एक विधि कीर्तन क्रिया है जो आपके विचारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उंगलियों की दोहराव गति के साथ मंत्र को जोड़ती है। उम्र की वजह से हानि होने से वाले व्यक्तियों पर किये गये एक शोध से पता चलता है कि यह न्यूरोसाइकोलॉजिकल परीक्षणों पर प्रदर्शन में सुधार करता है। यह मनोभ्रंश रागियों की स्मृति में वृद्धि करने में भी सहायक होता है।
- दयालुता उत्पन्न करती है -: मेटा, एक प्रकार की ध्यान की क्रिया है, इसकी मदद से आप अपने अंदर करूणा, दया और खुशी की अवस्था प्राप्त कर सकते है। इस क्रिया को करने के लिए हमे एंकात में बैठ कर अपनी कमर को सीधा रखकर और सांसो के आने-जाने पर ध्यान केन्द्रित कर सुख और खुशी के बारे में चितंन करे तो यह हमें विन्रम रखने में भी मदद करता है।
- व्यसनों से लड़ने में मदद मिलती है-: अनुसंधान शोध से पता चला है कि ध्यान लोगों को अपना ध्यान पुननिर्देशित करने, अपनी भावनाओं और आवेगों को प्रबंधित करने और उनके पीछे के कारणों के बारे में आपकी समझ को विकसित करने में सहायक होता है। यह आपके आत्म नियंत्रण और नशें की लत वाले व्यवहारों के ट्रिगर के बारे में जागरूकता बढ़ाकर निर्भरता को तोड़ने में आपकी मदद करता है।
ध्यान, आपकी और भी ऐसी बहुत सी समस्याएं है उन्हें ट्रिगर करने में सहायक होता है। जैसे आप निंरतंर अभ्यास कर अपने दर्द को कम या खत्म कर सकता है। आप ध्यान को अपनी दैनिक दिनर्चया में जोड कर अपने कई साल पुराने दर्द को भी खत्म कर सकते हो।
ध्यान हमारे शरीर में रक्तचाप का बैंलेस बनाने में भी सहायक होता है। यह रक्तचाप, एथेरोस्क्लेरोसिस या धमनियों के संकुचन में भी योगदान देता है जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक को कम कर सकता है जो कि उच्च रक्तचाप की वजह से होता है। ध्यान की सहायता से आप अपने शरीर और मन दोनों पर ही विजय प्राप्त कर सकते हैं। अपने जीवन में जहां पहुचना चाहते हैं वहां पहुंच सकते हैं।
ध्यान की दो प्रमुख शैलियाँ होती हैं
1.एकाग्रिचित ध्यान- ध्यान की यह शैली किसी एक वस्तु, विचार, ध्वनि या दृश्य पर ध्यान केंन्द्रित करती है। यह आपके दिमाग को विकर्षणों से मुक्त करने पर जोर देती है। ध्यान श्वास, मंत्र या शांत ध्वनि पर केंद्रित हो सकता है।
2.खुली निगरानी ध्यान- ध्यान की यह शैली आपके परिवेश के सभी पहलुओं, विचार की शैली और स्वयं की भावना के बारे में व्यापक जागरूकता को प्रोत्साहित करती है भावनाओं और आवेगों के प्रति जागरूक होना शामिल हो सकता है।
ध्यान कब करना चाहिए
ध्यान करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का होता है। आप सुबह जल्दी उठकर कुछ समय के लिए ही सही ध्यान जरूर करें इससे आप अपने जीवन में होने वाले बदलावों को कुछ समय में ही महसूस कर सकेगें । बस शर्त यह है कि आपकों इसे रोज नियिमत रूप से नियमित समय में करें तो ओर भी ज्यादा रिजल्ट मिलेंगें।